महाराष्ट्र: पश्चिमी घाट के शानदार पहाड़ियों में स्थित राजमाची किला एक ऐतिहासिक किला है। ये किला मुंबई से 95 और पुणे से 80 किमी दूर है। ये किला दो दुर्गों श्रीवर्द्धन और मनोरंजन से मिलकर बना है।
इस शानदार किले को सतवाहन द्वारा बनवाया गया था लेकिन 1657 में शिवाजी महाराज ने इस पर कब्जा कर लिया था। इससे बोर घाट दिखता है और मुंबई और पुणे को जोड़ने वाली ये जगह पुराने समय में प्रमुख ट्रेड रूट हुआ करता था।
कुछ समय के लिए इस किले पर मुगलों का शासन रहा लेकिन मराठा शासन के खत्म होते ही 1818 में इस पर पूरी तरह से ब्रिटिशों का कब्जा हो गया। अब ये ऐतिहासिक किला ट्रैकर्स के बीच बहुत मशहूर है। मुंबई और पुणे के ट्रैकिंग क्लब मुख्य रूप से राजमाची किले के रेगुलर ट्रिप बनाते हैं।
राजमाची आने का सही समय
राजमाची आने का सही समय जून से सितंबर तक मॉनसून के दौरान है। इस दौरान किले के आसपास हरियाली छाई रहती है और यहां आने वाले पर्यटक खुद को तरोताज़ा महसूस करते हैं। यहां पर मॉनसून के दौरान भी ट्रैकिंग की जा सकती है। इसके ट्रैक में कई तालाब और झरने भी मिलते हैं। हालांकि शुरुआती ट्रैकर्स को राजमाची किले पर ट्रैकिंग के लिए मॉनसून के बाद ही आना चाहिए क्योंकि मॉनसून के दौरान वॉटर स्ट्रीम पार करना काफी मुश्किल और खतरनाक होता है।
मुंबई से राजमाची किले का रूट
रूट 1 : छेद्दा नगर – बैंगलोर-मुंबई राजमार्ग – नवी मुंबई में पाम बीच रोड़ – खंडाला में एएच 47 – डेल्ला एनक्लेव रोड़ – राजमाची ग्राम (95 किमी – 2 घंटे 30 मिनट)
रूट 2 : छेद्दा नगर – ठाणे में ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे – एनएच 48 – बैंगलोर-मुंबई हाइवे – खंडाला में एएच 47 – डेला एनक्लेव रोड़ – राजमाची ग्राम (115 किमी – 3 घंटे 20 मिनट)