हमारे जीवन में धर्म का एक विशेष महत्व होता है। विभिन्न पंथो के लोग अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार प्रार्थना करते हैं और ईश्वर को याद करते हैं, खुद को भगवान से जोड़ने की कोशिश करते है।
अध्यात्म का अर्थ है अपने भीतर के चेतन तत्व को जानना,मनना और दर्शन करना अर्थात अपने आप के बारे में जानना या आत्मप्रज्ञ होना, आइये कुछ बिंदुओं के आधार पर जानते हैं कि अध्यात्म हमारे जीवन को किस प्रकार से प्रभावित करता है।
स्वास्थ्य से है संबंध
अध्यात्म का हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से संबंध है। इससे हमारे शरीर की प्रतिरोधक् शक्ति बढ़ती है। टेंपा, अमेरिका में एक कैंसर सेंटर में हुए शोध के अनुसार धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों की अन्य की तुलना में अधिक अच्छी थैरेपी हो पाई।
डिप्रेशन घटता है
जब कोई व्यक्ति डिप्रेशन की अवस्था से गुजरता है और इस दौरान वह अपनी भावनाएं बांट नहीं सकता तो यह सबसे बुरा क्षण होता है।
ऐसे में अध्यात्मिक रूप से मजबूत होना बेहद ज़रूरी है ताकि इस हालत से निपटा जा सके। इससे पीड़ा, दुख, विषाद, विरक्ति आदि भावों पर विजय पाई जा सकती है।
आप सामाजिक बनते हैं
समाज में रहकर सामाजिक होना स्वाभाविक है। आप अपनी व्यस्तता के चलते दूसरों को नज़रअंदाज नहीं कर सकते। धर्म आपस में जुड़ने की कला सिखाता है, हम धार्मिक समूहों के माध्यम से समाज से जुड़ सकते है
समृद्धि बढ़ती है
इस सृष्टि के संचालन में हर चीज अपने आप में अर्थपूर्ण है। जो लोग परमात्मा में विश्वास रखते हैं वे जीवन भर समृद्ध रहते हैं। विभिन्न शोध बताते हैं कि धार्मिक लोगों का जीवन अन्य की तुलना में अधिक सुखी होता है।
आध्यात्म आपको शारीरिक सुख के ऊपर मन का जो सुख होता है वो प्रदान करता है, इस प्रकार से जीवन में संतुलन के लिए धर्म का होना आवश्यक है