The Monk who sold his Ferrari Summary in Hindi – द मोंक हू सोल्ड हिज फेरारी
बिंदु | जानकारी |
पुस्तक | The Monk Who Sold His Ferrari – द मोंक हू सोल्ड हिज फेरारी |
लेखक | रॉबिन शर्मा |
मूल्य | 105 रूपये |
लेखक परिचय: रोबिन शर्मा ने दुनिया की कई कंपनियों और कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम लिए हैं। उनके आत्म-सुधार से संबंधित ग्यारह पुस्तकें प्रकाशित की गई हैं, और उनके पुस्तकों का अनुवाद कई भाषाओं में किया गया है।
The Monk who sold his Ferrari Summary in Hindi – द मोंक हू सोल्ड हिज फेरारी
रॉबिन शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक ”संन्यासी जिसने अपनी संपत्ति बेच दी” (The Monk Who Sold His Ferrari) एक ज्ञान से परिपूर्ण प्रेरक कहानी है। जो हमारे जीवन को उत्साह, एक उद्देश्य और शान्ति प्रदान करता है। मूल रूप से यह किताब अंग्रेजी में लिखी गई है, जिसका बाद में श्रीमती राजेश शर्मा और डॉ. राजीव शर्मा द्वारा हिन्दी अनुवाद किया गया।
इस पुस्तक में लेखक हमे जूलियन मेंटल के जिंदगी के बारे में बताती है। मेंटले बहुत बड़े वकील थे तथा स्वयं की अव्यवस्थित क्रिया-कलापों से दुःखी रहते थे।
लेकिन एक बार उन्होने एक अर्थपूर्ण अध्यात्मीक जीवन की खोज के लिए अपनी पूरी संपत्ति को बेच तथा अपने पेशे को छोड़कर भारत आ गए तथा हिमालय पर्वत की चोटियों में चले गए जहां वे हिमालय के संतों से मिले तथा ज्ञान प्राप्त किया तथ स्वयं को पूरी तरह बदल लिया।
इस पुस्तक के जरिये लेखक हमे अपने अंदर अच्छे और सुखदायी विचारों का विकास करने के लिए प्रेरित करते है ताकि विपरीत परिस्थियां में भी हम आगे बढ़ सकें और सफलता हासिल कर सकें।
इसके साथ ही लेखक रॉबिन शर्मा की इस कहानी ने पाठकों को शुरु से अंत तक बांधे रखा है। वाकई रॉबिन शर्मा की ये किताब प्रेरणादायक है। इस पुस्तक की अब तक 50 लाख से अधिक प्रतियां बिक चुकी है।
अमेज़न पर अंग्रेजी भाषा में यह पुस्तक ख़रीदे: The Monk Who Sold His Ferrari 

अमेज़न पर हिंदी भाषा में यह पुस्तक ख़रीदे: Sanyasi Jisne Apni Sampati Bech Di: The Monk Who Sold His Ferrari (Hindi)
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