।। ईश्वरीय है कार्य हमारा निमित्त बन हम कार्य करे ।।
सद् विचार की नीव हमारी शिव संकल्पित आज बने
ईश्वरीय है कार्य हमारा निमित्त बन हम कार्य करे ।।
हमे पता है मार्ग हमारा कंटकमय और दुर्गम है
दृढ़ विश्वास रहा है मनमे यही हमारा संभल है
चलते चलते लक्ष प्राप्त हित मार्गक्रमण हम करते है ।।
सत्ता पद की चकाचौंध मे मार्ग कहीं हम ना छोड़े
साधन को ही साध्य मानकर ना भूले और ना भटके
ना हम थकते ना हम रुकते मार्गक्रमण हम करते है।।
धन्य हुआ है जीवन अपना मातृभूमि की सेवा में
भारत ही है ईश्वर अपना पूजा के हम दीप बने
राष्ट्र यज्ञ के साधक बनकर मार्गक्रमण हम करते है।।
अटल जी की अमर कविताएँ (ATAL BIHARI VAJPAYEE POEM MP3 DOWNLOAD)
–> अटल बिहारी वाजपेयी: काल के कपाल पे लिखता मिटाता हूं.. गीत नया गाता हूं’
–> पंद्रह अगस्त का दिन कहता – आज़ादी अभी अधूरी है।
मित्रों आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके अवश्य बताएं. और हमसे जुड़े रहने के लिए हमारे फेसबुक पेज को जरूर लाइक करें जय हिन्द